The government is trying to lock the doors of the stable after the horses have already escaped.
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रविवार, नवंबर 30, 2008
शिवराज पाटिल - दस्विदानिया
आखिरकार हमारे माननीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने त्याग पत्र सौंपा। उनका कहना था कि वे हर एक आतंकी घटना से सीख रहे हैं। उनके कार्यकाल में इतनी आतंकी घटनाएँ हो चुकी हैं कि उनको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा। दुर्भाग्य की बात यह है कि जो कुछ उन्हों ने सीखा उसको उन्हों ने अमल में नहीं लाया, वे सिर्फ़ कपड़े बदलते रह गए। हर आतंकी हमले के बाद उनका हास्यास्पद बयान एक formality बन कर रह गया था। शायद पी. चिदांबरम बनेंगे अगले गृह मंत्री। वित्त मेंत्री के रूप में चिदंबरम साहब ने देश की अर्थ-व्यवस्था का बंटाधार किया, अब देखना यह है कि गृह मंत्री के रूप में वे क्या गुल खिलाते हैं।
शनिवार, नवंबर 29, 2008
आतंक का अन्त
पिछले तीन दिवस से मुम्बई आतंक के घेरे में जकड़ी हुई थी। पिछले तीन दिवस से सुरक्षा बल मुम्बई को आतंक से मुक्त कराने में लगे थे। ओबेरॉय तथा नारीमन हाउज़ में छिपे आतंकियों को तो कल ही मार डाला गया था। आज ताज को भी आतंकियों से मुक्त कराया गया। ताज की मुक्ति के अभियान को "Operation Black Tornado" नाम दिया गया था। पता चला है कि कुल दस आतंकी भारत समुद्र के रास्ते आए थे। उन दस आतंकियों में से नौ को मौत के घाट उतार दिया गया एवम एक को ज़िन्दा पकड़ लिया गया है। जीवित आतंकी से षडयंत्र का परदाफ़ाश होने की संभावना है। सरकारी विज्ञप्ती के अनुसार लगभग २०० व्यक्ति मारे गए हैं जिसमें २० विदेशी यात्री भी हैं। एक अनुमान के अनुसार लगभग ४००० करोड़ का नुकसान मुम्बई को पिछले तीन दिवस में उठाना पड़ा।
बुधवार, नवंबर 26, 2008
मुंबई पर एक और आतंकी हमला
मुंबई में आतंकवादियों के अनेक दस्ते घुस आए हैं और इनहों ने सोलह अलग - अलग स्थलों पर हमला करने की ख़बर आई है। मुंबई की दो पाँच-सितारा होटल - ओबेरॉय एवम ताज में आतंकी घुस आए हैं और कई लोगों को बंधक बना लिया है। बंधकों में कई विदेशी सैलानी भी हैं।
More...(drag mouse)Next TabForwardPage BottomToggle BookmarksClose TabBackPage topउधर नगर में जगह - जगह पर अंधा - धुंध गोलीबारी की गई है। अब तक ८० लोगों के मारे जाने की एवम २०० लोगों के घायल होने की ख़बर है। बताया जा रहा है कि ये आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे। भारत के इतिहास में यह सब से बड़ा आतंकी हमला है। इस प्रकार का फ़िदायीन हमले की घटनाएँ अब तक सिर्फ़ कश्मीर में देखी - सुनी जाती थी।
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