नागपञ्चमी
आज नागपञ्चमी है। प्रातः स्नानादि से निवृत्त हो कर हम लोग साँप वाले की प्रतीक्षा करते बैठे। शनिवार था इसलिए फुरसत थी। साँप वाला १० बजे आया। नाग देवता की पूजा हुई। दूध पिलाया गया। हाँ हम सभी जानते हैं कि साँप दूध नहीं पीते पर क्या करें, आदत से मजबूर जो ठहरे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें