सोमवार, अगस्त 20, 2007

शॉपिंग


जी हाँ श्रीमान, शॉपिंग। इस बात से तो सभी पुरुष सहमत होंगे कि नारी मुक्ती तथा नारी अधिकार के इस युग में ऐसे कार्य कम ही हैं जिन्हें स्त्रियों की तुलना में हम पुरुष जलदी कर सकते हैं। शॉपिंग इनहीं गिने चुने कार्यों में से एक है। अब कल ही की बात है मैं और श्रीमती जी बच्चों के साथ Lifestyle मॉल गए थे। मैं और मेरा लड़का, हम दोनों अपनी - अपनी शॉपिंग, आधे घंटे में समाप्त कर बाहर आ गए। परन्तु श्रीमतीजी ने पूरे दो घंटे लगाए। मैं मॉल के lounge में बैठा यह गीत गुनगुनाता रहा - "इन्तेहा हो गई, इन्तेज़ार की ..... "

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