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बाबू गुलाबराय
दसवीं कक्षा में हम ने बाबू गुलाब राय द्वारा रचित "मेरी असफ़लताएँ" में से एक उद्धरण "उसे न भूलूँगा" पड़ा था। इतना पसंद आया था कि कई वर्षों तक इसे बार-बार पड़ता रहता था। गुलाबराय जी की लेखन शैली बड़ी मनोरम है।
आज मैंने नेट पर गुलाब राय जी के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाही। गूगल पर जब मैंने हिन्दी में गुलाबराय शब्द खोजा तो अधिक लिंक्स नहीं मिले। तब मैं ने अंग्रेज़ी में खोजा तो बाबू गुलाबराय का जालपृष्ठ मिल गया। जालपृष्ठ यहाँ है। यहाँ से मैंने "मेरी असफ़लताएँ" डाउनलोड की। फिर से बचपन की स्मृतियाँ ताज़ा हो उठी हैं। हमारे हिन्दी के अध्यापक तिवारी सर की बडी याद आ रही है।
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