जेहाले मिस्कीं
ग़ुलामी का यह गीत मेरे पसन्दीदा गीतों में से एक है। गुलज़ार के बोल एवम लक्ष्मीकान्त - प्यारेलाल के संगीत का जादू, यह रहा, सुनिए --
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इसकी पहली दो पंक्तियाँ अमीर खुसरो द्वारा रचित हैं ।
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