गुरुवार, सितंबर 18, 2008

शेयर मार्केट में उथल-पुथल ।



पिछले दो - तीन दिनों से सेंसेक्स में भारी उथल-पुथल मची है । अमेरिका के शेयर बाज़ार में भारी गिरावाट के कारण भारतीय शेयर मार्केट में अफ़वाहों की भर-मार है । असल में अमेरिकी मार्केट के दो धुरंधर - लेहमैन बंधू एवम मेरिल - लिंच भारी नुकसान झेल रहे हैं । मेरिल - लिंच को तो अमेरिकी सरकार ने बचा लिया किन्तु लेहमैन - बंधुओं की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया । लेहमैन ने भारी - रिस्क वाले क्षेत्र में भारी मात्रा में निवेश किया था मुख्य रूप से रियल एस्टेट में । रियल एस्टेट का मार्केट आज कल काफ़ी मन्दा चल रहा है । यह मार्केट अब तक सब-प्राइम (Sub Prime) संकट से नहीं उभरा है । गत वर्ष कई अमेरिकी वित्तीय संस्थानों ने ऐसे लोगों को कर्ज़ दिया जो कर्ज़ अदा करने में सक्षम नहीं थे । इन लोगों ने कर्ज़ चुकाने के समय अपना मूँह फेर लिया । सब-प्राइम lending की मार सब से ज़्यादा रियल एस्टेट के क्षेत्र में लगी और यह मार्केट इस मार से अब तक नहीं उभर पाया है । लेहमैन ने पता नहीं क्या सोंच कर इस क्षेत्र में अंधा - धुन्ध निवेश किया कारणवश उसे अब भारी नुकसान उठाना पड़ा । लेहमैन का दिवालिया निकला है ।

लेहमैन एवम मेरिल लिंच जैसे दिग्गजों के लड़खड़ाने का असर भारत में भी देखा गया । भारतीय मार्केट, जो पहले से ही ढगमगाया हुआ था, और गहरे संकट में उतर गया है । पिछले कुछ समय से विदेशी निवेशकों ने भारी मात्रा में भारतीय मार्केट में निवेश किया था । अमेरिकी मार्केट में गिरावट के कारण ये निवेशक अपना पैसा भारतीय मार्केट से भी निकाल रहे हैं । इस लिए भारतीय मार्केट में भी गिरावट आई है । सेंसेक्स १३००० पर पहुँच गया है, एन एस ई ४००० के नीचे उतर गया है । लोगों की घबराहट बड़ रही है । इंदोर में एक ब्रोकर ने आत्महत्या कर ली । हैदराबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली । वित्त मंत्री चिदम्बरम के अनुसार भारतीय निवाशकों को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है ।

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