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शेयर मार्केट में उथल-पुथल ।
पिछले दो - तीन दिनों से सेंसेक्स में भारी उथल-पुथल मची है । अमेरिका के शेयर बाज़ार में भारी गिरावाट के कारण भारतीय शेयर मार्केट में अफ़वाहों की भर-मार है । असल में अमेरिकी मार्केट के दो धुरंधर - लेहमैन बंधू एवम मेरिल - लिंच भारी नुकसान झेल रहे हैं । मेरिल - लिंच को तो अमेरिकी सरकार ने बचा लिया किन्तु लेहमैन - बंधुओं की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया । लेहमैन ने भारी - रिस्क वाले क्षेत्र में भारी मात्रा में निवेश किया था मुख्य रूप से रियल एस्टेट में । रियल एस्टेट का मार्केट आज कल काफ़ी मन्दा चल रहा है । यह मार्केट अब तक सब-प्राइम (Sub Prime) संकट से नहीं उभरा है । गत वर्ष कई अमेरिकी वित्तीय संस्थानों ने ऐसे लोगों को कर्ज़ दिया जो कर्ज़ अदा करने में सक्षम नहीं थे । इन लोगों ने कर्ज़ चुकाने के समय अपना मूँह फेर लिया । सब-प्राइम lending की मार सब से ज़्यादा रियल एस्टेट के क्षेत्र में लगी और यह मार्केट इस मार से अब तक नहीं उभर पाया है । लेहमैन ने पता नहीं क्या सोंच कर इस क्षेत्र में अंधा - धुन्ध निवेश किया कारणवश उसे अब भारी नुकसान उठाना पड़ा । लेहमैन का दिवालिया निकला है ।
लेहमैन एवम मेरिल लिंच जैसे दिग्गजों के लड़खड़ाने का असर भारत में भी देखा गया । भारतीय मार्केट, जो पहले से ही ढगमगाया हुआ था, और गहरे संकट में उतर गया है । पिछले कुछ समय से विदेशी निवेशकों ने भारी मात्रा में भारतीय मार्केट में निवेश किया था । अमेरिकी मार्केट में गिरावट के कारण ये निवेशक अपना पैसा भारतीय मार्केट से भी निकाल रहे हैं । इस लिए भारतीय मार्केट में भी गिरावट आई है । सेंसेक्स १३००० पर पहुँच गया है, एन एस ई ४००० के नीचे उतर गया है । लोगों की घबराहट बड़ रही है । इंदोर में एक ब्रोकर ने आत्महत्या कर ली । हैदराबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली । वित्त मंत्री चिदम्बरम के अनुसार भारतीय निवाशकों को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है ।
बेंगलूरु, अहमदाबाद और अब - दिल्ली
कल शाम दिल्ली में पाँच बम-विस्फोट हुए जिसमें अब तक ३० लोगों की मृत्यू हुई है और लगभग ८०लोग घायल हुए हैं । यह विस्फोट, करौल बाग़, Connaught Place, बाराखंबा रोड तथा ग्रेटर कैलाश - १ में एम् - ब्लॉक मार्केट में हुए हैं । ग्रेटर कैलाश में दो धामाके हुए । इंडियन मुजाहिदीन ने इन धमाकों की ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा है कि ऑपरेशन BAD (Bengaluru, Ahmedabad और अब Delhi) पूरा हुआ । पहला धमाका ६ बज कर १० मिनिट पर करौल बाग़ में गफ्फ़ार मार्केट में हुआ और फिर ३५मिनिट के अन्दर ४ और स्थलों पर धमाके हुए ।
हैदराबाद, जयपुर, अहमदाबाद, सूरत और बेंगलूरु जैसे महानगरों पर से हो कर आतंक की काली छाया अब पता नहीं किस दिशा में अग्रसर है । सरकार मूक - दर्शक बनी हाथ पर हाथ धरे बैठी है । सत्ता के लोभी मंत्रिगण मगरमच्छ के आँसू बहा रहे है । कुम्भकर्ण की निद्रा से जागे हमारे गृह मंत्री परम आदरणीय श्री शिवराज पाटिल ने आतंकियों को चेतवनी दी है कि धमाकों के लिए ज़िम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी । जिस अफ़ज़ल गुरू ने संसद भवन पर हमला किया था उसे तो आज तक कोई सज़ा नहीं दी गई । उसे तो जेल में हिफ़ाज़त से रख कर खिला पिला कर तनदुरुस्त बनाया जा रहा है । आज तक एक भी आतंकवादी का बाल भी बाँका नहीं किया गया है । कितने बम - धमाके हुए, कितनों की जानें गई पर किसी भी आतंकी को सज़ा नहीं हुई है । इस लिए आतंकियों के हौसले बुलन्द हैं । वे बिना किसी रोक - टोक के जिधर चाहे उधर विस्फोट पर विस्फोट कर रहे हैं । और हमारी सरकार मगरमच्छ के आँसू बहाते नहीं थकती ।
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लार्ज हैड्रॉन कोलैडर
आज, १० सितम्बर, २००८ को भारतीय समय के अनुसार १२ बज कर ३० मिनिट पर जिनिवा के समीप, भूतल से लगभग १०० फुट नीचे, लार्ज हैड्रॉन कोलैडर प्रारम्भ किया गया । यह एक २३ किलोमीटर की परिधी का छल्ला नुमा पार्टिकल एक्सेलरेटर (Particle Accelerator) है, जिसमें वैज्ञानिक 'God Particle' अर्थात हिग्ग्स बोसॉन को खोज रहे हैं । इस सुरंग के अन्दर दो विपरीत दिशा में बड़ रही ७ टेरा इलेक्ट्रॉन वोल्ट की प्रोटॉन बीम्स आपस में टकराएँगी । इस से बिग बैंग के समय जैसी परिस्थिती उत्पन्न होगी । इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य भौतिक शास्त्र के स्टैंडर्ड मॉडल की सीमाओं का एवम् वैधता की जाँच करना है । आज पहली प्रोटॉन धारा इस कोलैडर में प्रवाहित की गई है । दो प्रोटॉन धाराओं की टक्कर दो महीनों के बाद की जाएगी ।
इस परियोजना में आठ हज़ार भौतिक वैज्ञानिक काम कर रहे हैं । ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रह्माड की उत्पत्ती से जुड़े कई राहस्यों का परदा - फ़ाश इस परीक्षण के परिणामों के गहन अध्ययन के बाद होगा ।